संकट में फंसे कारोबारी विजय माल्या की किंगफिशर एयरलाइंस लिमिटेड ने कहा कि वे ऋण देने वाले बैंकों के समूह को 6,000 करोड़ रुपए ऋण चुकाने के लिए जिम्मेदार नहीं हैं, क्योंकि बैंकों ने दोनों पक्षों के बीच हुए मास्टर ऋण पुनर्गठन समझौते के नियम-शर्तों का उल्लंघन किया और इससे कंपनी के कारोबार को बेकार नुकसान उठाना पड़ा। ऋण वसूली न्यायाधिकरण (डीआरटी) द्वारा माल्या और उनकी कंपनी से 6,000 करोड़ रुपए की वसूली के लिए बैंकों द्वारा दायर की गई ‘मूल याचिका’ पर सुनवाई को फिर से शुरू करने के दौरान किंगफिशर के वकील ने कहा कि बैंकों द्वारा समझौते की शर्तों का उल्लंघन करने के चलते न्यायाधिकरण को बैंकों की याचिका खारिज कर देनी चाहिए।
